श्रावण पुत्रदा एकादशी २०१९, संतान प्राप्ति के लिए करें भगवान विष्णु की आराधना, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा और महत्व| पौष शुक्ल पक्ष एकादशी और श्रावण शुक्ल पक्ष एकादशी दोनों को ही पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है| इस दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है, जिसके फल स्वरूप पुत्र की प्राप्ति होती है।
श्रावण पुत्रदा एकादशी ११ अगस्त
ज्योतिष ग्रंथों में कुछ योगों और पापों की चर्चा की गई, जिनके कारण तमाम प्रयासों के बावजूद नहीं पूरा हो पाता कुलदीपक का सपना। देशभर में पुत्रदा एकादशी का अलग अलग महत्व है| इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने का भी विधान है। संतान सुख की अभिलाषा रखने वालों को पुत्रदा एकादशी का व्रत अवश्य रखना चाहिए। कहा जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य सभी पापों से मुक्त हो जाता है।
श्रावण पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त
श्रावण पुत्रदा एकादशीः ११ अगस्त २०१९
एकादशी तिथि आरंभः १०:०९ – १० अगस्त २०१९
एकादशी तिथि समाप्तः १०:५२ – ११ अगस्त २०१९
पारणः ०५:५२ से ०८:३० १२ अगस्त २०१९
संतान प्राप्ति मंत्र
– “ॐ क्लीं देवकी सुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते , देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहम शरणम् गता”
– “ॐ क्लीं कृष्णाय नमः”
श्रावण पुत्रदा एकादशी कथा
युधिष्ठिर भगवान श्री कृष्ण से श्रावण एकादशी के महत्व को बताने का आग्रह किया। तब श्री कृष्ण ने उन्हें बताया कि द्वापर युग में महिष्मतीपुरी का राजा महीजित बड़ा ही शांति एवं धर्म प्रिय था। लेकिन वह पुत्र-विहीन था। जब महामुनि लोमेश के निर्देशानुसार प्रजा के साथ-साथ जब राजा ने भी यह व्रत रखा, तो कुछ समय बाद रानी ने एक तेजस्वी पुत्र को जन्म दिया। तभी से इस एकादशी को श्रावण पुत्रदा एकादशी कहा जाने लगा।